Sunday, 12 August 2018

अहसास

AHSAS EK SATH KA WO NAAM HO TUMHARA,
NAAM KE ALAWA TUM NASEEB ME NAHI,,

No comments:

Post a Comment

हम से भी हसीन उनकी किताबें होती है, जो किताबों पर उँगलियों के रक़्स होते है। रातों को न जाने कितने पन्नें कितनी मरतबं पलटे ...