माँ_सी नहीं वो माँ है,
जब तक हाँथ नहीं रखती है,
नींद बसर नहीं करती है........
चैन_ओ सुकून नहीं रहता है,
सब के सब रक्स बेअसर रहते है,
जब तक माँ हाँथ नहीं रखती है. ......
मेरे होने का पता नहीं रहता है,
कामयाबी का ठिया नहीं रहता है,
वो रात हसीं नहीं रहती है........
माँ जब तक हाँथ नहीं रखती है,
पापा का हाँथ नहीं रोकती......
कुछ अपना नहीं लगता है,
चैन ओ सुकून नहीं रहता है,
माँ_सी नहीं वो माँ है। ......
सब के सब रिश्ते है बेवक्त भाव के,
उनसे सुकून नहीं मिलता पर वो माँ बाप है ,,
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