-: लफ्ज़ :-
किसी से मिला करो तो याद भी रखा करो,
हर एक लफ्ज़ों का द्वीपक्ष हिसाब भी रखा करो,,
कल हो न खीज़ तुम्हे अपनों के ही लफ्ज़ों से,
वो मेरे ये तुम्हारे है इनका हिसाब भी रखा करो,,
लफ्ज़ों का वज़ूद ठहरता नहीं लम्बे वक़्त तक,
लफ्ज़ों के माइने भी नये दौर में तब्दील हो जाते है,,
लफ्ज़ों को याद्गार किस्सों में बुनना हो तो,
लफ्जों को सही वक़्त पर इस्तमाल किया करो,,
कहे सुने लफ्ज़ के इतिहास भुला दिए जाते है,
लफ्ज़ों को गुलाम बनाना दोनों दौर को आना चाहिए,,
आकाश कुमार
हर एक लफ्ज़ों का द्वीपक्ष हिसाब भी रखा करो,,
कल हो न खीज़ तुम्हे अपनों के ही लफ्ज़ों से,
वो मेरे ये तुम्हारे है इनका हिसाब भी रखा करो,,
लफ्ज़ों का वज़ूद ठहरता नहीं लम्बे वक़्त तक,
लफ्ज़ों के माइने भी नये दौर में तब्दील हो जाते है,,
लफ्ज़ों को याद्गार किस्सों में बुनना हो तो,
लफ्जों को सही वक़्त पर इस्तमाल किया करो,,
कहे सुने लफ्ज़ के इतिहास भुला दिए जाते है,
लफ्ज़ों को गुलाम बनाना दोनों दौर को आना चाहिए,,
आकाश कुमार
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